मधुमेह के लिए योग

Blood Sugar Testing Machine योग मधुमेह वाले लोगों के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह रक्त परिसंचरण और अंतःस्रावी ग्रंथियों के कामकाज में सुधार करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, योग के लाभ तनाव को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। टाइप 1 मधुमेह के रोगी स्वाभाविक रूप से इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर सकते … Continue reading मधुमेह के लिए योग

पातंजल योग सूत्र, साधन पाद

पातंजल योग सूत्र, साधन पाद अविद्यास्मितारागद्वेषाभिनिवेशाः क्लेशाः ।।३ ।। अर्थ: अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष एवं अभिनिवेश – ये क्लेश हैं। व्याख्या: यहाँ पर पाँच प्रकार के क्लेश बताये गये हैं – (1) अविद्या से अर्थ अज्ञान से है। इसमें ज्ञान सही नहीं रहता। (2) अस्मिता से अर्थ अपनेआप से ज्यादा लगाव का होना है। यह … Continue reading पातंजल योग सूत्र, साधन पाद

योगी आनंद द्वारा भगवती दुर्गा की प्रार्थना

हे माते! तू सर्वज्ञ है क्योंकि सबके भीतर स्थित आत्मा है तू। तेरी सत्ता चहुंओर और अनंत है। तू ब्रह्मा में रचनात्मक शक्ति, विष्णु में पालन-पोषण की शक्ति, एवं शिव में संहारक शक्ति के रूप में स्थित है। तेरे अनंत नाम व रूप हैं। शब्द, चेतना, बुद्धि, निद्रा, क्षुधा, छाया, शक्ति, तृष्णा, क्षान्ति (सहिष्णुता), जाति, … Continue reading योगी आनंद द्वारा भगवती दुर्गा की प्रार्थना

पुण्य का संचय सुखदायक है

भगवान बुद्ध ने देवकन्या के रोने के शब्द को सुनकर, उसके समक्ष प्रकाश फैला और सामने बैठे हुए उपदेश करने के सामान, कहा – “देवधीते, मेरे पुत्र कश्यप का रोकना कर्त्तव्य है, किन्तु पुण्य चाहने वालों का पुण्य कर्मो को करते ही रहना चाहिए. पुण्य करना इस लोक और परलोक, दोनों जगह सुखदायक है.” और निम्नलिखित गाथा को कहा -

 “पुण्यन्चे पुरिसो कयिरा कयिराथेनं पुनप्पुनं, तम्ही छन्दं कयिराथ सुखो पुण्यस्स उच्ययो”

अर्थात्, यदि मनुष्य पुण्य करे, तो उसे बार बार करे. उसमे रत होवे, क्योंकि पुण्य का संचय सुखदायक होता है.

वैदिक मन्त्रों द्वारा उद्देश्य प्राप्ति

मन्त्रों में अनंत शक्ति होती है. हरेक मंत्र का कोई न कोई द्रष्टा होता है, जिन्होंने उस मंत्र को गहन ध्यान की अवस्था में साक्षात्कार किया, जिनके अक्षरों में अन्तर्निहित अपरिसीम शक्ति प्राप्त की जा सकती है .