असंतुलित ऐषणाओं से हमारी श्वासोच्छवास विकृत होती है, जिससे चित्त अशांत होता है, परिणामस्वरूप जप, ध्यान व भक्ति में चित्त एकाग्र नहीं हो पाता है। चित्त की एकाग्रता के लिए विचारों की लहरों का शांत होना अति आवश्यक होता है, तभी हम ध्यान में प्रवेश कर सकते हैं, अन्यथा नहीं। ध्यान सफलता का मूल है। … Continue reading Watch “मन को एकाग्र करने का ठोस तरीका Solid ways to concentrate mind, by Yogi Anand, Adwait Yoga” on YouTube